दोस्तों में आज आपको एक नई Motivational story in hindi के बारे में बताने जा रहा हूं। आशा करता हूं। आपको यह story अच्छी लगेगी और आप इसे पढ़कर Motivate होंगे।
Best motivational story
Best motivational story
एक बार एक योगेश नाम का लड़का था। वह एक बहुत बड़े जमीदार के घर नौकर का काम किया करता था। उसके मालिक का नाम भी योगेश ही था। उसके मालिक की किसी के साथ दुश्मनी चल रही थी। तो उसके मालिक ने अपने दुश्मन को मार दिया था। फिर उसका मालिक उसे मार कर चुपचाप अपने घर आ गया। योगेश ने उसके हाथ पर खून लगा हुआ देख लिया। तब योगेश ने उससे पूछा मालिक आपको यह घाव कैसे लगा आपके हाथ में तो खून आ रहा है। तब मालिक ने कहा तुम चुपचाप पानी डालो और ज्यादा सवाल मत करो।
यह कहकर मालिक ने योगेश को चाय लाने के लिए कहा। जब योगेश चाय लेकर आया तो उसने अपने मालिक से कहा मालिक हम दोनों के नाम एक जैसे हैं। मुझे अपना नाम चेंज कर लेना चाहिए। तब मालिक ने कोई उत्तर नहीं दिया और योगेश को यह कह दिया ठीक है कर लेना। कुछ देर बाद उसके मालिक है एक साथी आया और उसने योगेश के मालिक को कहा कि आपको खून करते हुए किसी ने देख लिया है और वह आपको जेल में भेजने के लिए पुलिस स्टेशन गया है।
फिर योगेश का मालिक फटाफट उठकर पुलिस स्टेशन गया इतने में जिसने मरते हुए देखा था। वह f.i.r. करवाकर वहा से निकल चुका था। तब योगेश का मालिक पुलिस ऑफिसर से मिला और उससे कहा आप उसके कंप्लेन मत लो मैंने कुछ नहीं करा। तो पुलिस ऑफिसर ने कहा f.i.r. तो दर्ज हो चुकी है। हमें आप को गिरफ्तार करना होगा। तब योगेश के मालिक ने पुलिस ऑफिसर से कहा कि मैं कैसे बचू पुलिस ऑफिसर भी अच्छा नहीं था। उसने भी कुछ पैसे लिए और उससे बचने के लिए मालिक को तरीका बता दिया। पुलिस ऑफिसर ने कहा कि अगर तुम्हें बचना है तो तुम्हें अपने ही किसी नाम वाले को पकड़ना होगा। जिस पर हम सारा इल्जाम डाल सकें।
तब मालिक को ख्याल आया कि उसके नौकर का नाम भी उसी के जैसा है। उसने केस के गवाह को धमका कर उसे झूठ बोलने के लिए मजबूर कर दिया। तो उसने योगेश को फंसा दिया और उसे जेल में सजा दिलवा दी। तब योगेश बड़ा रोया गिराया पुलिस ऑफिसर के सामने हाथ जोड़कर कहा कि मैंने खून नहीं करा प्लीज मुझे छोड़ दो। पुलिस वालों ने उसकी एक नहीं सुनी। योगेश की बीवी भी चिल्लाती रही कि मेरे पति ने खून नहीं करा साहब। उसे छोड़ दो लेकिन सारे सबूत योगेश खिलाफ थे तो उसे कोर्ट ने भी 10 साल की सजा सुना दी। अब योगेश जेल में उस गलती की सजा काट रहा था जो उसने की ही नहीं थी। योगेश तो हार मान चुका था। लेकिन उसकी बीवी ने हार नहीं मानी थी। वह रोज कोई ना कोई तरीका सोचती रहती थी।
योगेश को जेल से बाहर निकलवाने के लिए 6 महीने तो ऐसे ही बीत गए। तो योगेश की पत्नी ने एक खत लिखा और प्रेसिडेंट को भेज दिया। सरकार की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिली क्योंकि सारे सबूत योगेश के खिलाफ थे। योगेश की पत्नी रोज पोस्ट मैन से पूछा करती थी कि सरकार की तरफ से उनका कोई खत आया। तब पोस्टमैन ने कहां की कोई खत नहीं आया। और योगेश की बीवी को कहा कि अब कुछ नहीं हो सकता फिर भी योगेश की बीवी ने हार नहीं मानी कौन विराम फिर 1 दिन योगेश की बीवी को किसी ने वकील के पास जाने की सलाह दी। यहां तक कि उस वकील से मिला भी दिया जो गरीबों के लिए केस लड़ा करता था और कम पैसे लिए करता था। पहले तो वकील ने भी केस लड़ने से मना कर दिया।
फिर योगेश की बीवी परेशान थी तो उसके भी आंखों से आंसू निकलना है। उन्हें देखकर वकील का मन बदल गया तो उसने केस लड़ने के लिए हां कर दी। फिर वकील और योगेश की बीवी दोनों सबूत ढूंढने के लिए इधर-उधर घूमते। कि कोई तो सबूत मिल जाए। जिससे योगेश बाहर आ सके। एक दिन उम्मीद की नई किरण मिली वकील ने कहा कि जिस वक्त मर्डर हुआ तो योगेश कहां था। वकील और उसकी बीवी योगेश से मिलने गए जेल में जब योगेश ने बताया कि जिस वक्त मर्डर हुआ उस वक्त में मेले में गया हुआ था अपने पत्नी के लिए गिफ्ट लेने और मैंने एक ठेले वाले से गिफ्ट लिया। बस फिर योगेश की बीवी और वकील उस ठेलेवाला को ढूंढने लग गए जिसने योगेश को गिफ्ट भेजा था।
बस दिक्कत यही थी। कि मेला साल में एक बार लगा करता था तो कोई भी आईडिया नहीं था की ठेलेवाला मिलेगा या नहीं। और सबूत इकट्ठा करने के लिए वकील और योगेश की बीवी उसके घर गए जिसमें झूठी गवाही दी थी लेकिन उसके घर पर ताला लगा हुआ था तो पता करने पर पता लगा कि वह सब अपना सब कुछ छोड़कर मुंबई चले गए हैं जो योगेश की बीवी उनको ढूंढने के लिए मुंबई चली गई किसी न किसी तरह से वह भी मिल गए जिसने योगेश के खिलाफ झूठी गवाही दी थी योगेश की बीवी ने उनके सामने हाथ जोड़ा और कहां आप मेरे पति को बचा सकते हैं। सच्ची गवाही देकर क्योंकि मुझे पता है मेरे पति कभी किसी का मर्डर नहीं कर सकते प्लीज मदद कीजिए आंख की वजह से मेरे पति जेल में है।
किसी ना किसी तरह से वह भी मान गए। जब योगेश के मालिक को पता लगा कि उसकी पत्नी दोबारा से केस ओपन करवा रही है तो मालिक ने योगेश की पत्नी को पैसों का राज दिया लेकिन उसकी पत्नी मानी नहीं मालिक ने उन्हें बहुत डराने धमकाने की कोशिश भीभी करी। लेकिन उसकी पत्नी का इरादा पक्का का और हिम्मत पूरी किसी ना किसी तरह सब कुछ ठीक चल रहा है। आखिर में उसके मालिक को सजा मिल ही गई और योगेश जेल से बाहर आ गया।
Moral:
मुसीबत चाहे कितनी भी बड़ी हो लेकिन हमें कभी भी अपने आप को कमजोर नहीं समझना चाहिए कभी भी हिम्मत नहीं हार नहीं चाहिए देर से ही सही लेकिन योगेश को इंसाफ मिला और वह जेल से बाहर आ गया।
उसी तरह हमें भी हमेशा हिम्मत और patience रखना चाहिए चाहे लाख कितने भी बुरे हो चाहे सारे आपके खिलाफ हो अगर आप सच्चे हो तो आपको कोई नहीं हरा सकता।
यह कहकर मालिक ने योगेश को चाय लाने के लिए कहा। जब योगेश चाय लेकर आया तो उसने अपने मालिक से कहा मालिक हम दोनों के नाम एक जैसे हैं। मुझे अपना नाम चेंज कर लेना चाहिए। तब मालिक ने कोई उत्तर नहीं दिया और योगेश को यह कह दिया ठीक है कर लेना। कुछ देर बाद उसके मालिक है एक साथी आया और उसने योगेश के मालिक को कहा कि आपको खून करते हुए किसी ने देख लिया है और वह आपको जेल में भेजने के लिए पुलिस स्टेशन गया है।
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Motivational story in hindi |
फिर योगेश का मालिक फटाफट उठकर पुलिस स्टेशन गया इतने में जिसने मरते हुए देखा था। वह f.i.r. करवाकर वहा से निकल चुका था। तब योगेश का मालिक पुलिस ऑफिसर से मिला और उससे कहा आप उसके कंप्लेन मत लो मैंने कुछ नहीं करा। तो पुलिस ऑफिसर ने कहा f.i.r. तो दर्ज हो चुकी है। हमें आप को गिरफ्तार करना होगा। तब योगेश के मालिक ने पुलिस ऑफिसर से कहा कि मैं कैसे बचू पुलिस ऑफिसर भी अच्छा नहीं था। उसने भी कुछ पैसे लिए और उससे बचने के लिए मालिक को तरीका बता दिया। पुलिस ऑफिसर ने कहा कि अगर तुम्हें बचना है तो तुम्हें अपने ही किसी नाम वाले को पकड़ना होगा। जिस पर हम सारा इल्जाम डाल सकें।
तब मालिक को ख्याल आया कि उसके नौकर का नाम भी उसी के जैसा है। उसने केस के गवाह को धमका कर उसे झूठ बोलने के लिए मजबूर कर दिया। तो उसने योगेश को फंसा दिया और उसे जेल में सजा दिलवा दी। तब योगेश बड़ा रोया गिराया पुलिस ऑफिसर के सामने हाथ जोड़कर कहा कि मैंने खून नहीं करा प्लीज मुझे छोड़ दो। पुलिस वालों ने उसकी एक नहीं सुनी। योगेश की बीवी भी चिल्लाती रही कि मेरे पति ने खून नहीं करा साहब। उसे छोड़ दो लेकिन सारे सबूत योगेश खिलाफ थे तो उसे कोर्ट ने भी 10 साल की सजा सुना दी। अब योगेश जेल में उस गलती की सजा काट रहा था जो उसने की ही नहीं थी। योगेश तो हार मान चुका था। लेकिन उसकी बीवी ने हार नहीं मानी थी। वह रोज कोई ना कोई तरीका सोचती रहती थी।
Best Motivational story in hindi
योगेश को जेल से बाहर निकलवाने के लिए 6 महीने तो ऐसे ही बीत गए। तो योगेश की पत्नी ने एक खत लिखा और प्रेसिडेंट को भेज दिया। सरकार की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिली क्योंकि सारे सबूत योगेश के खिलाफ थे। योगेश की पत्नी रोज पोस्ट मैन से पूछा करती थी कि सरकार की तरफ से उनका कोई खत आया। तब पोस्टमैन ने कहां की कोई खत नहीं आया। और योगेश की बीवी को कहा कि अब कुछ नहीं हो सकता फिर भी योगेश की बीवी ने हार नहीं मानी कौन विराम फिर 1 दिन योगेश की बीवी को किसी ने वकील के पास जाने की सलाह दी। यहां तक कि उस वकील से मिला भी दिया जो गरीबों के लिए केस लड़ा करता था और कम पैसे लिए करता था। पहले तो वकील ने भी केस लड़ने से मना कर दिया।
फिर योगेश की बीवी परेशान थी तो उसके भी आंखों से आंसू निकलना है। उन्हें देखकर वकील का मन बदल गया तो उसने केस लड़ने के लिए हां कर दी। फिर वकील और योगेश की बीवी दोनों सबूत ढूंढने के लिए इधर-उधर घूमते। कि कोई तो सबूत मिल जाए। जिससे योगेश बाहर आ सके। एक दिन उम्मीद की नई किरण मिली वकील ने कहा कि जिस वक्त मर्डर हुआ तो योगेश कहां था। वकील और उसकी बीवी योगेश से मिलने गए जेल में जब योगेश ने बताया कि जिस वक्त मर्डर हुआ उस वक्त में मेले में गया हुआ था अपने पत्नी के लिए गिफ्ट लेने और मैंने एक ठेले वाले से गिफ्ट लिया। बस फिर योगेश की बीवी और वकील उस ठेलेवाला को ढूंढने लग गए जिसने योगेश को गिफ्ट भेजा था।
बस दिक्कत यही थी। कि मेला साल में एक बार लगा करता था तो कोई भी आईडिया नहीं था की ठेलेवाला मिलेगा या नहीं। और सबूत इकट्ठा करने के लिए वकील और योगेश की बीवी उसके घर गए जिसमें झूठी गवाही दी थी लेकिन उसके घर पर ताला लगा हुआ था तो पता करने पर पता लगा कि वह सब अपना सब कुछ छोड़कर मुंबई चले गए हैं जो योगेश की बीवी उनको ढूंढने के लिए मुंबई चली गई किसी न किसी तरह से वह भी मिल गए जिसने योगेश के खिलाफ झूठी गवाही दी थी योगेश की बीवी ने उनके सामने हाथ जोड़ा और कहां आप मेरे पति को बचा सकते हैं। सच्ची गवाही देकर क्योंकि मुझे पता है मेरे पति कभी किसी का मर्डर नहीं कर सकते प्लीज मदद कीजिए आंख की वजह से मेरे पति जेल में है।
किसी ना किसी तरह से वह भी मान गए। जब योगेश के मालिक को पता लगा कि उसकी पत्नी दोबारा से केस ओपन करवा रही है तो मालिक ने योगेश की पत्नी को पैसों का राज दिया लेकिन उसकी पत्नी मानी नहीं मालिक ने उन्हें बहुत डराने धमकाने की कोशिश भीभी करी। लेकिन उसकी पत्नी का इरादा पक्का का और हिम्मत पूरी किसी ना किसी तरह सब कुछ ठीक चल रहा है। आखिर में उसके मालिक को सजा मिल ही गई और योगेश जेल से बाहर आ गया।
Moral:
मुसीबत चाहे कितनी भी बड़ी हो लेकिन हमें कभी भी अपने आप को कमजोर नहीं समझना चाहिए कभी भी हिम्मत नहीं हार नहीं चाहिए देर से ही सही लेकिन योगेश को इंसाफ मिला और वह जेल से बाहर आ गया।
उसी तरह हमें भी हमेशा हिम्मत और patience रखना चाहिए चाहे लाख कितने भी बुरे हो चाहे सारे आपके खिलाफ हो अगर आप सच्चे हो तो आपको कोई नहीं हरा सकता।
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