Motivational stories in hindi for student | विद्यार्थियों के लिए कहानी
दोस्तों स्वागत है आप सभी का storiesfam पर। दोस्तों कितना अच्छा होता। ना कि मैं यह student life से निकलकर सीधे settled life जी रहा होता।
कैसा होता की जो student life चुटकियों में निकल जाए और मैं कहीं किसी ऐसे profession में हूं।जहां में लाखों रुपया कमा रहा हूं। या फिर कुछ भी मजेदार कर रहा हूं। लेकिन बस यहां से निकल जाऊं क्योंकि student life थोड़ी सी बोरिंग सी लगती है।
दोस्तों अगर आप बच्चे बड़े बूढ़े और student हो तो यह कहानी सिर्फ आप ही के लिए है।
कहानी को ध्यान से पढ़िए गा और पूरा पढ़ना कहानी बड़े ही मजेदार है। तो चलिए बिना समय गवाएं कहानी शुरु करते हैं।
कहानी की शुरुआत (stories in hindi for student)
Stories in hindi for reading
कहानी को ध्यान से पढ़िए गा और पूरा पढ़ना कहानी बड़े ही मजेदार है। तो चलिए बिना समय गवाएं कहानी शुरु करते हैं।
कहानी की शुरुआत (stories in hindi for student)
कहानी की शुरुआत करते हैं (Motivational stories in hindi for student)
रमेश class 8th का एक student था। वह class में होता तब बाहर खेलने के बारे में सोचता और जब खेलने का मौका मिलता। तो वह कहीं घूमने के बारे में सोचता। इस तरह वह कभी present moment को enjoy नहीं करता। बल्कि कुछ ना कुछ आगे का सोचा करता। उसके घर वाले और दोस्त भी उसकी इस आदत से परेशान थे।Stories in hindi for reading
एक बार रमेश अकेले ही पास के जंगलों में घूमने निकल गया। थोड़ी देर चलने के बाद वह थक गया और वह जमीन पर नर्म घास के ऊपर लेट गया। जल्दी ही उसे नींद आ गई और वह सो गया सोने के कुछ देर बाद एक आवाज आई।
"रमेश रमेश"
रमेश ने आंखें खोली तो सफ़ेद वस्त्रों में एक परी खड़ी थी। वह बहुत सुंदर थी और उसने अपने एक हाथ में जादुई छड़ी ले रखी थी। दूसरे हाथ में एक magical ball थी। जिसमें से एक सुनहरा धागा लटक रहा था।
Moral stories in hindi for student
रमेश को परी को देखकर खुशी से झूम उठा और कुछ देर से बातें करने के बाद बोला। आपके हाथ में जो छड़ी है। उसे तो मैं जानता हूं। पर आपने जो यह बोल नहीं रखी है।
उससे यह सुनहरा धागा कैसा लटक रहा है। परी मुस्कुराते हुए बोली। रमेश यह कोई मामूली धागा नहीं है। तुम्हारे जीवन की डोर है। अगर तुम इसे हल्का सा खींचो गे तो। तुम्हारे जीवन के कुछ घंटे कुछ second में बीत जाएंगे।
यदि इसे थोड़ा जोर से खींचो गे। तो पूरा दिन कुछ मिनटों में निकल जाएगा और अगर तुम इसे पूरी ताकत से खींचो गे। तो कई साल कुछ दिनों में भी जाएंगे।
तो क्या आप मुझे दे सकती हैं। रमेश ने उत्सुकता से पूछा।
"क्यों नहीं पकड़ो इसे"
पर एक बात ध्यान रहे। एक बार अगर समय में आगे चले गए। तो पीछे नहीं आ सकते। जीवन की डोर रमेश के हाथों में धमाते ही परी फौरन वहां से गायब हो गई।
तो क्या आप मुझे दे सकती हैं। रमेश ने उत्सुकता से पूछा।
"क्यों नहीं पकड़ो इसे"
पर एक बात ध्यान रहे। एक बार अगर समय में आगे चले गए। तो पीछे नहीं आ सकते। जीवन की डोर रमेश के हाथों में धमाते ही परी फौरन वहां से गायब हो गई।
Stories in hindi(moral stories in hindi for student)
अगले दिन रमेश class में बैठा खेलने के बारे में सोच रहा था। तभी उसे परी द्वारा दी गई सुनहरे धागे वाली ball का ख्याल आया। उसने धीरे से बोल निकाली और डोर को जरा सा खींचा। कुछ second में वह मैदान में खेल रहा था।
"वाह मजा आ गया"
रमेश मन ही मन सोच रहा था। फिर वह कुछ देर खेलता रहा। पर मौजूदा वक्त में ना जीने की अपनी आदत के अनुसार। वह फिर से कुछ ही देर में थक गया और बोर हो गया। वह सोचने लगा यह बच्चों की तरह जीने में कोई मजा नहीं है।
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क्यों ना मैं अपने जीवन की डोर को खींचकर जवानी में चला जाऊं और फिर उसने बोल निकालकर डोर को जरा तेजी से खींच दिया। रमेश शादीशुदा आदमी बन चुका था or अपने दो प्यारे-प्यारे बच्चों के साथ रह रहा था। उसकी प्यारी मां जो उसे जान से भी ज्यादा चाहती थी।
अब बूढ़ी हो चुकी थी और पिता जो उसे अपने कंधों पर बैठाकर घूमा करते थे। अब बूढ़े और बीमार हो चुके थे। इस बदलाव से अपने माता-पिता के लिए थोड़ा दुखी जरूर था। पर अपना परिवार और बच्चे हो जाने के कारण उसे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था।
एक दो महीनों सब ठीक-ठाक चला। पर रमेश ने कभी अपने वर्तमान को आनंद के साथ जीना सीखा ही नहीं था। कुछ दिन बाद वह सोचने लगा मेरे ऊपर परिवार की जिम्मेदारी आ गई है।
Motivational stories in hindi for student
बच्चों को संभालना इतना आसान भी नहीं। ऊपर से ऑफिस की टेंशन अलग है माता-पिता का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। इससे अच्छा तो मैं retired हो जाता और आराम की जिंदगी जीता।
यही सोचते-सोचते उसने जीवन की डोर को पूरी ताकत से खींच दिया। कुछ देर में एक 80 साल का वृद्ध हो गया था। अब सब कुछ बदल चुका था। उसके सारे बाल सफेद हो चुके थे। चेहरे पर झुरिया लटक रही थी।
यही सोचते-सोचते उसने जीवन की डोर को पूरी ताकत से खींच दिया। कुछ देर में एक 80 साल का वृद्ध हो गया था। अब सब कुछ बदल चुका था। उसके सारे बाल सफेद हो चुके थे। चेहरे पर झुरिया लटक रही थी।
उसके माता-पिता कब के उसे छोड़ कर जा चुके थे। यहां तक कि उसकी प्यारी पत्नी भी बीमारी के कारण मर चुकी थी। घर में बिल्कुल अकेला था। बस कभी कभी दूसरे शहरों में बसे उसके बच्चे उससे बात कर लेते। life में पहली बार रमेश को एहसास हो रहा था। कि उसने कभी अपनी जिंदगी को enjoy नहीं किया।
Stories in hindi (stories in hindi for reading)
उसने ना स्कूल में मस्ती की और ना ही पढ़ाई,ना ही कभी कॉलेज का मुंह देखा। वह ना कभी अपनी पत्नी के साथ कहीं घूमने गया और ना ही अपने माता पिता के साथ अच्छे पल बिताए।
उसने ना स्कूल में मस्ती की और ना ही पढ़ाई,ना ही कभी कॉलेज का मुंह देखा। वह ना कभी अपनी पत्नी के साथ कहीं घूमने गया और ना ही अपने माता पिता के साथ अच्छे पल बिताए।
यहां तक कि वह अपने प्यारे बच्चों का बचपन भी ठीक से नहीं देख पाया। आज रमेश बेहद दुखी था। अपना बीता हुआ कल देखकर वह समझ पा रहा था। कि अपनी बेचैनी और व्याकुलता में उसने जीवन की सारी छोटी छोटी खुशियां यूं ही गवा दी।
आज उसे वह दिन याद आ रहा था। जब परी ने उसे Magical ball दी थी। एक बार फिर वह उठा और उसे जंगल में जाने लगा और बचपन में वह परी से जिस जगह पर से मिला था।
वही मायूस बैठ गया और अपने आंसू बहाने लगा। तभी अचानक किसी की आवाज आती है।
"रमेश, रमेश, रमेश"
Motivational stories in hindi for student
Motivational stories in hindi for student
रमेश ने पलट कर देखा तो एक बार फिर वहीं परी ही उसके सामने खड़ी थी। परी ने पूछा क्या तुमने मेरे special gift को enjoy किया।
रमेश बोला
पहले तो मुझे अच्छा लगा। अब मुझे उस gift से नफरत है। रमेश कुछ चिडता हुआ बोला। मेरी आंखों के सामने मेरा पूरा जीवन बीत गया और मुझे अपने जीवन का आनंद लेने का मौका तक नहीं मिला।
अगर मैं अपनी जिंदगी नॉर्मल तरीके से जीता। तो उसमें सुख के साथ दुख भी होते पर Magical ball के कारण। मैं उनमें किसी का भी भी अनुभव नहीं कर पाया।
मैं आज अंदर से बिल्कुल खाली महसूस कर रहा हूं। मैंने भगवान का दिया यह अनमोल जीवन बर्बाद कर दिया।
Moral stories in hindi for student
Moral stories in hindi for student
परी बोली:- तुम तो मेरे शुक्रगुजार होने की बजाय उसकी बुराई कर रहे हो। खैर मैं तुम्हें एक और gift दे सकती हूं।
बताओ क्या चाहिए।
परी ने पूछा:- कि उसे एक ओर वरदान मिल सकता है। खुशी से भावुक होते हुए बोला। फिर से वही पहले वाला school boy बनना चाहता हूं। मैं समझ चुका हूं। कि जीवन का हर पल जीना चाहिए।
जो अभी को कोसता है वह कभी खुश नहीं हो पाता। उसका जीवन खोकला रह जाता है। please मुझे मेरे पुराने दिन लौट दो। रमेश इतना कहना ही था।
तभी एक आवाज आती है। उठो बेटा तुम इन जंगलों में कैसे आ गए और please please क्या बड़बड़ा रहे थे। जब रमेश आंखें खोलता है और अपनी मां को अपने सामने देखकर जोर से रोने लगता है।
Motivational stories in hindi for student
मन ही मन परी का शुक्रिया अदा करता है और कसम खाता है। कि अब वह जीवन के अनमोल पलों को पूरी तरह जिएगा और दिन में सपने देखना और अपने कल के बारे में सोचकर अपने आज को बर्बाद नहीं करेगा।
दोस्तों क्या आप रमेश की जगह खुद को देख पा रहे हो। कई बार ऐसा होता है। कि हम आज की खूबसूरती को इसलिए नहीं देख पाते हैं। क्योंकि हम एक सुंदर कल के बारे में सोच रहे होते हैं। उसके बारे में चिंता करते अपना आज जला देते हैं। बर्बाद कर देते हैं। हम आज को अपनी present time को हमें ऐसा नहीं करना चाहिए।
दोस्तों क्या आप रमेश की जगह खुद को देख पा रहे हो। कई बार ऐसा होता है। कि हम आज की खूबसूरती को इसलिए नहीं देख पाते हैं। क्योंकि हम एक सुंदर कल के बारे में सोच रहे होते हैं। उसके बारे में चिंता करते अपना आज जला देते हैं। बर्बाद कर देते हैं। हम आज को अपनी present time को हमें ऐसा नहीं करना चाहिए।
Moral stories in hindi for student
Moral of the story (Motivational stories in hindi for student)
खुशियों के छोटे-छोटे पलों को पूरी तरह जीना चाहिए। जीवन की डोर एक बार खीच जाती है तो फिर लौट कर नहीं आती। किसी ने सच ही कहा है। बीता हुआ कल कभी नहीं आएगा और आने वाला कल शायद कभी ना आए। आज ही अपनी जिंदगी जी लो। आज ही खुशियां मना लो। दोस्तों अगर आपको यह (Motivational stories in hindi for student) अच्छी लगी तो please इसे शेयर कीजिए और नीचे कमेंट करके जरूर बताएं।
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